बुधवार, 23 अक्तूबर 2013

घुमक्कडी कहीं भी और कभी भी

आप के पास साईकिल और एक कैमरा है तो आप कभी भी कहीं भी जीवन के आनन्द दायक २ घंटे बिता सकते हैं जब भी आप बोर हो रहे हैं तो ये विचार करके साईकिल पर घर से निकलिये कि आप २-४ अच्छे फोटो ले कर ही बापस आयेंगे वो फोटो कुछ भी हो सकते हैं, बारिश के बाद में हुई हरियाली, पहाड, पगडंडी, बादल, सूर्योदय, सूर्यास्त, नदी, झरने, पशु पक्षी, रेलवे ट्रैक कुछ भी जब आप उन जगहों में खूबसूरती ढूढेंगे जहां से आप रोज गुजरते हैं तो आप का आस-पास की प्रक्रती के लिये आदर बढेगा और स्थानिय जगहों के बारे में आप की जानकारी भी बढेगी आप स्थानिय पुरातन किलों, हवेलियों, मन्दिरों या ऐसा ही कोई और स्थान के बारे में जानकारी को एकत्र कर सकते हैं और उस को कहीं लिपी बध्द भी कर सकते हैं
हरियाली और रास्ता

आज कल एक नया प्रचलन चल गया है कि यदि कोई व्यक्ती किसी पर्यटन स्थल पर हो कर आया है तो दुसरा भी वहीं जाना चाहता है जब की पहले घूमने का मतलब होता था नये स्थानों की खोज करना, या स्थानों के बारे में जानकारी जुटाना या अन्वेषण करना, जो लोग खुद को पर्यटक कहते हैं उन के लिये कई बार "घर की मुर्गी दाल बराबर" का मुहावरा सही बैठता है
कहीं दूर घूमने जाने में कोई बुराई नहीं, पर पहले या साथ में समीप के स्थलों को भी बराबर महत्व देना चाहिये
ऊंचाई पर स्थित देव स्थान

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