बुधवार, 25 दिसंबर 2013

बटेश्वर: थोडे में बहुत कुछ, बटेश्वर मन्दिर , तीर्थ, यमुना का किनारा, ग्रामिण परिवेश, जैन मन्दिर

आगरा से फतेहाबाद होते हुए ७० कि मी दूर बाह एक छोटा कस्बा है वहां से लगभग १० कि मी दूरी पर बटेश्वर धाम हैबटेश्वर में यमुना नदी के किनारे पर १०१ शिव मन्दिर हैं जो शायद बनाये जाने के समय पर १०८ बनाये गये होंगे। बटेश्वर को समस्त सनातन धर्म के तीर्थों का भांजा कहा जाता है तथा शिव मन्दिर और श्रंखलाबध्द घाट होने की समानताओं की वजह से इसे भदावर की काशी भी कहा जाता है। इन उपमाओं के द्वारा इस तीर्थ के महत्व को भी समझा जा सकता है।
बटेश्वर धाम में १०१ शिव मन्दिर श्रंखलाबध्द तरीके से यमुना नदी के किनारे घाट पर बने हुये हैं। जिन में से मुख्य मन्दिर बटेश्वर नाथ जी, गौरी शंकर मन्दिर हैं।
बटेश्वर नाथ जी मन्दिर यहां का मुख्य मन्दिर है इस मन्दिर में गर्भ ग्रह में शिवलिंग रूप में स्थापित हैं। इस मन्दिर को कई बार आताताइयों ने तोडा और बार बार इस का निर्माण कराया गया। यह मन्दिर लगभग ३०० वर्ष पुराना है।



गौरी शंकर मन्दिर में शिव पार्वती और गणेश की दुर्लभ मनुष्य आकार की मूर्ती है।

अन्य दर्शनीय मन्दिर पातालेश्वर मन्दिर और मणीदेव मन्दिर हैं।
बटेश्वर में यहां का ग्रामिण परिद्र्श्य कलरव करती हुयी यमुना नदी, किनारे पर बने हुए मिट्टी के बडे बडे टीले जिस को हम लोग बीह्ड के नाम से जानते हैं बहुत कुछ है देखने के लिये




शौरीपुर जैन तीर्थ बटेश्वर नाथ जी के मन्दिर से ३-४ कि.मी. की दूरी पर है यहां पर भगवान नैमीनाथ जी का जन्म हुआ था इस स्थान को सिध्द क्षेत्र भी कहा जाता है